गहराती जा रही है रात, बात कर लें। शिकवे जो रहे गुस्ताख, राख कर लें। गहराती जा रही है रात, बात कर लें। शिकवे जो रहे गुस्ताख, राख कर लें।
वहशी और खूंखार लुटेरे रहते हैं, अब शहरों में यार लुटेरे रहते हैं। गाली,सुर्खी,नरमी वहशी और खूंखार लुटेरे रहते हैं, अब शहरों में यार लुटेरे रहते हैं। गाली...
यहाँ इश्क़ है एक अधूरे ख्वाब सा जो आँख खुले तो टूट जाता है। यहाँ इश्क़ है एक अधूरे ख्वाब सा जो आँख खुले तो टूट जाता है।
बेइंतहा मोहब्बत करती थी वो मुझसे। बेइंतहा मोहब्बत करती थी वो मुझसे।
मेरा इश्क़ मेरे दिल के टुकड़े मेरा इश्क़ मेरे दिल के टुकड़े
वो भी तो पूरा नहीं प्रेम खुद में ही अधूरा निकला...! वो भी तो पूरा नहीं प्रेम खुद में ही अधूरा निकला...!